कोरोना वायरस क्या है ? जाने वायरस के लक्षण और इलाज के बारे में जानकारी



लक्षण
 

कोरोना वायरस (COVID-19) की पहचान, गले में खराश, खांसी, और बुखार जैसे लक्षणों से होती है. कुछ लोगों के लिए यह बीमारी ज़्यादा गंभीर हो सकती है. उन्हें इससे न्यूमोनिया या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.

कुछ मामलों में, यह रोग घातक भी हो सकता है. बुज़ुर्ग और ऐसे लोग जिन्हें दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं (जैसे कि अस्थमा, डायबिटीज़ या दिल की बीमारी) हैं उनके लिए यह वायरस ज़्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.


संक्रमित लोगों में ये लक्षण हो सकते हैं:
गले में खराश
खांसी
बुखार
सांस लेने में दिक्कत (गंभीर मामलों में)


रोकथाम

कोरोना वायरस (COVID-19) को रोकने के लिए, फ़िलहाल किसी तरह का टीका नहीं है.
आप संक्रमण को होने से रोक सकते हैं, अगर आप:

अल्कोहल वाले सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करते हैं या साबुन और पानी से अक्सर अपने हाथ साफ़ करते हैं

खांसने और छींकने के दौरान टिश्यू पेपर से या कोहनी को मोड़कर, अपनी नाक और मुंह को ढक रहे हैं

ठंड या फ्लू जैसे लक्षणों वाले किसी भी व्यक्ति के साथ निकट संपर्क (1 मीटर या 3 फीट) से बचते हैं



इलाज

कोरोना वायरस (COVID-19) को रोकने या इसके उपचार के लिए कोई भी खास दवा नहीं है. हो सकता है कि लोगों को सांस लेने में होने वाली दिक्क्त से बचने के लिए, मेडिकल सहायता लेनी पड़े.
 


खुद की देखभाल

अगर आप में इस रोग के कुछ लक्षण हैं, तो पूरी तरह ठीक होने तक घर पर ही रहें. आपको इन लक्षणों में राहत मिल सकती है, अगर आप:

आराम करते हैं और सोते हैं

खुद को किसी तरह गर्म रखते हैं
खूब पानी या दूसरी तरल चीज़ें लेते हैं
गले की खराश और खांसी को कम करने के लिए, कमरे में ह्यूमिडिफ़ायर का इस्तेमाल करते हैं और गर्म पानी से नहाते हैं

मेडिकल ट्रीटमेंट
अगर आपको बुखार या खांसी है, तो आप जब तक ठीक नहीं हो जाते, तब तक घर पर ही रहें. कम से कम 14 दिनों तक घर पर आराम करें, ताकि दूसरे लोगों को संक्रमण होने का खतरा न रहे.




कोरोना वायरस से मृत्युदर
  1. 9 साल तक के बच्चों में- 0 प्रतिशत
  2. 10-39 वर्ष तक के लोगों में 0.2 प्रतिशत
  3. 40-49 वर्ष तक के लोगों में 0.4 प्रतिशत
  4. 50-59 वर्ष तक के लोगों में 1.3 प्रतिशत
  5. 60-69 वर्ष तक के लोगों में 3.6 प्रतिशत
  6. 60-69 वर्ष तक के लोगों में 3.6 प्रतिशत
  7. 70-79 वर्ष तक के लोगों में 8 प्रतिशत
  8. 80 से ज्यादा वर्ष के लोगों में 14.8 प्रतिशत