भूगोल के महत्वपूर्ण प्रश्न


भूगोल

भारत का पश्चिमी तटीय मैदान
भारत के पश्चिमी तटीय मैदान का विस्तार गुजरात तट से लेकर केरल के तट तक है| ये मैदान वास्तव में पश्चिमी घाट के पश्चिम में विस्तृत निमज्जित तटीय मैदान हैं| इस मैदान को चार भागों में विभाजित किया जाता है- गुजरात का तटीय मैदान, कोंकण का तटीय मैदान, कन्नड़ का तटीय मैदान व मालाबार का तटीय मैदान । 

ब्रह्मांड के विषय में बदलता दृष्टिकोण व कृत्रिम उपग्रह

2000 वर्ष पहले, यूनानी खगोलविदों ने सोचा था कि पृथ्वी ब्रह्मांड के केंद्र में है और चंद्रमा, सूर्य व तारे इसकी परिक्रमा करते हैं।15वीं सदी में, पोलैंड के वैज्ञानिक निकोलस कॉपरनिकस ने बताया कि सूर्य सौरमंडल के केंद्र में है और ग्रह उसकी परिक्रमा करते हैं। इस तरह सूर्य ब्रह्मांड का केंद्र बन गया है।16वीं सदी में जोहानेस केप्लर ने ग्रहीय कक्षा के नियमों की खोज की|


भारत का पूर्वी तटीय मैदान
भारत के पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पूर्वी घाट और पूर्वी तट के मध्य सुवर्णरेखा नदी से लेकर कन्याकुमारी तक है| पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडू राज्यों में है| इस मैदान में निक्षेपों की अधिकता है और बड़ी-बड़ी नदियां सागर में मिलने से पूर्व यहाँ डेल्टा का निर्माण करती हैं|


भारत का पूर्वी घाट पर्वतीय क्षेत्र
पूर्वी घाट भारत में ओडिशा से लेकर तमिलनाडु तक विस्तृत पर्वतीय क्षेत्र है, जोकि वर्तमान में बड़ी-बड़ी नदियों द्वारा विच्छेदित होकर एक असतत श्रंखला के रूप में बदल गया है| चेन्नई के दक्षिण-पश्चिम में शेवरोय व पालनी पहाड़ियों के रूप में पूर्वी घाट पश्चिमी घाट से मिल जाता है|

भारत का पश्चिमी घाट पर्वतीय क्षेत्र
पश्चिमी घाट पर्वतीय क्षेत्र भारत के पश्चिमी तट के सहारे लगभग 1600 किमी. की लंबाई में महाराष्ट्र व गुजरात की सीमा से लेकर कुमारी अंतरीप तक विस्तृत है| पश्चिमी घाट पर्वत श्रेणी को यूनेस्को ने अपनी 'विश्व विरासत स्थल' सूची में शामिल किया है और यह विश्व के ‘जैवविविधता हॉटस्पॉट्स’ में से एक है|

भारत का भौतिक विभाजन
भारत में लगभग सभी प्रकार के भौगोलिक उच्चावच पाये जाते हैं| इसका कारण भारत का वृहद विस्तार व तटीय अवस्थिति है| भौगोलिक रूप से भारत को पाँच इकाईयों में बांटा जाता है- उत्तर का पर्वतीय भाग, उत्तरी मैदान, दक्षिणी पठार, तटीय मैदान व द्वीपीय भाग| इन सभी भौगोलिक इकाईयों की निर्माण प्रक्रिया व संरचना अलग-अलग प्रकार की है|


भारत का प्रशासनिक विभाजन
भारत को प्रशासनिक रूप से 29 राज्यों व 7 संघ राज्य क्षेत्रों में बांटा गया है| भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्वयं एक संघ राज्य क्षेत्र है| इसके अतिरिक्त प्रत्येक राज्य की एक राजधानी है, जो सामान्यतः उस राज्य का सबसे प्रमुख शहर होता है| भारत का नवीनतम राज्य तेलंगाना है|

भारतीय चट्टानों का वर्गीकरण
भारत में पृथ्वी के सभी भूवैज्ञानिक कालों में निर्मित चट्टानें पायी जाती हैं| भारत में पायी जाने वाली चट्टानों को उनके निर्माण क्रम (प्राचीन से नवीन) के आधार पर क्रमशः आर्कियन, धारवाड़, कडप्पा, विंध्यन, गोंडवाना, दक्कन ट्रेप, टर्शियरी व क्वार्टनरी क्रम की चट्टानों में वर्गीकृत किया गया है|

पृथ्वी का भूवैज्ञानिक इतिहास
पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास को अजोइक, पैलियोजोइक, मेसोजोइक, सेनोजोइक, और नियोजोइक नाम के पांच महाकल्पों में बांटा गया है| अजोइक महाकल्प सर्वाधिक प्राचीन महाकल्प है, जिसमें पृथ्वी पर किसी तरह का जीवन नहीं पाया जाता था| महाद्वीप और महासागरों का निर्माण प्री-कैम्ब्रियन युग में हुआ था तथा आधुनिक मानव या ‘होमोसेपियंस’ की उत्पत्ति क्वार्टनरी युग में हुई थी|

भारत की अवस्थिति एवं विस्तार
भारत अक्षांशीय दृष्टि से उत्तरी गोलार्द्ध और देशांतरीय दृष्टि से पूर्वी गोलार्द्ध में स्थित देश है| भारत का अक्षांशीय विस्तार 804’ उ. से 3706’ उ. तक तथा देशांतरीय विस्तार 6807’ पू. से 97025’ पू. तक है| इसकी स्थलीय सीमा 15,200 किमी. लंबी है और मुख्य भूमि व द्वीपों सहित तटीय सीमा की लंबाई 7516 किमी. है|


भारत के पड़ोसी देशों व स्थलीय सीमा रेखाओं के नाम
क्षेत्रफल व जनसंख्या की दृष्टि से भारत दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा देश है,जिसकी सीमाएँ सात देशों से मिलती हैं| भारत के 17 राज्यों की सीमाएँ इन पड़ोसी देशों से मिलती हैं| रेडक्लिफ रेखा भारत व पाकिस्तान और भारत व बांग्लादेश को, मैकमोहन रेखा भारत और चीन को तथा डूरंड रेखा भारत और अफगानिस्तान को अलग करती है|